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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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चाहे राधा हो या हो मीरा, सबके हिस्से में आई ये तन्हाई। दिल सरापा दर्द था वो इब्तिदा-ए-इश्क़ थी मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है। यह भी पढ़ें : गर्मियों की छुट्टियों पर शायरी, जो बच्चों को छुट्टियों का आनंद लेना सिखाएंगी राहत इंदौरी की ग़ज़लें https://youtu.be/Lug0ffByUck

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