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A Secret Weapon For shiv chalisa lyrics aarti

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आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । धन निर्धन को देत सदाहीं । जो कोई जांचे वो फल पाहीं ॥ त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥ देवनः यदा यदा गच्छति https://shivchalisas.com

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