तेरी ऊँची अटारी प्यारी, म श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । बंसी वाले के चरणों में सर हो मेरा, फिर ना पूछो उस वक़्त क्या बात है।उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा, फिर ना https://hindubhajan.in/bajrang-baan/